उदय हुआ धरम का

मन की डोर

मन की डोर

मेरी मन की डोर बंध चूँकि है

किसी और के साथ

दूर है वो मुझसे 

जाना है उसके पास


न जाने क्यों लगता है 

मुझे इतना वो खाँस

जिस दिन ना सोचूँ उसके बारे में 

तो रूकती है धड़कन

अटकती है साँस


© Nir Anand

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