उदय हुआ धरम का

निर आनंद

निर आनंद



निर है जहाँ, आनंद है वहाँ 

निर के लिये तरसे, ढूँढे कहाँ कहाँ।


बिना निर, आनंद कैसे ?

पा लिया, तो प्यासे कैसे


निर बिना आनंद नही 

और दोनों बिना जीवन नही


सबकी जरूरत, सबका आनंद 

इसीको कहते है, 'निर आनंद'


© Nir Anand

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